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Wednesday, January 2, 2013

                                  Linux Operating System


LINUX OPERATING SYSTEM दोस्तों , Linux Operating System के मौखिक ट्युटोरियल में आपका स्वागत है | इस ट्युटोरियल में हम कुछ बुनियादी याने basic commands का अध्ययन करेंगे | में Ubuntu 10.04 इस्तेमाल कर रही हूँ | हम यह मान रहे है के Linux Operating System के साथ शुरुआत कैसे करना है , यह आपको पता है | अगर इसके बारे में जानना है तो यह www.spokentutorial.org website पर एक दुसरे ट्युटोरियल पर मोजूद है | इस ट्युटोरियल में हम देखेंगे के commands क्या है और Command Interpreter या व्याख्याकार क्या है | फिर हम सीखेंगे के man command के इस्तेमाल से Linux में हेल्प कैसे पता करे | अब पहला सवाल है के Commands क्या है ? सरल शब्दों में कहे तो Linux Commands ऐसे शब्द है जो दिए जाने पर कुछ एक्शन या कार्य करते है | Linux Commands शायद ही कभी ४ से ज्यादा अक्षर के होंगे जैसे के ls , who , ps Commands lower case में होते है तथा वे case sensitive है चलिए एक उदाहरण देखते है Applications menu में जाए , Accessories को चुने और फिर उपलब्ध options से Terminal पर क्लिक करे या एक Terminal Window को खोलने के लिए CTRL + ALT + T प्रेस करे अब हम एक Prompt($) देख सकते है और ठीक उसके साथ एक Cursor भी है | यही पर हमें Command टाइप करना है | who टाइप करे और Enter प्रेस करे हम उन Users के नाम देख सकते है जो logged in है असल में हमने अभी एक Command को execute याने निष्पादित kiya है जो है who जो ki बताता है कौन कौन सिस्टम में logged in है | लेकिन ये कुछ अक्षरों की कौनसी चीज़ या entity है जो इन Commands को Action में बदलती है | ये काम Command Interpreter का है जिसे Shell भी कहते है | हम एक Shell को ऐसे परिभाषित कर सकते है , के यह एक Program है जो हमारे और Linux System के बिच Interface का काम करता है और इस Operating System में Commands Enter करने और उन्हें Execute करने की अनुमति देता है | Linux में multiple याने विविध Shells Install करना संभव है और जहाँ उपयोगकर्ता अपने पसंद से उन्हें चुन सकते है | Linux पर मानक याने Standard Shell जो हमेशा bin/sh के रूप में installed रहता है , उसे bash (the GNU Bourne Again Shell) कहते है जो GNU suit of tools से है | Commands जो हम इस ट्युटोरियल में देखेंगे वह काफी सामान्य है और जो अधिकांश Linux Shells पर चलता है | हम इस ट्युटोरियल में प्रदर्शन के लिए Bash का प्रयोग करेंगे वो इसलिए क्योंकि यह एक लोकप्रिय Shell है और लगभग सभी UNIX के लिए वहनीय याने Portable है | दुसरे Shells है Bourne Shell (sh) जो की मौलिक UNIX Shell है , C Shell (csh) और Korn Shell (ksh) कौनसा Shell हम इस्तेमाल कर रहे है यह देखने के लिए Terminal Window पर जाइए और Command टाइप करिए echo $SHELL और Enter प्रेस करे /bin/bash सामान्य रूप से Output है /bin/bash जो हमे bash shell देता है | काफी तरीके है जिससे हम अलग अलग shells को सक्रीय कर सकते है जो की Advanced Tutorial में देखेंगे | Commands वास्तव में Files है जिसमे Programs होते है जो अक्सर C में लिखे जाते है | यह Files , Directories में समाहित होते है | कमांड्स का संचय कहाँ है इसका पता करने के लिए Type Command का प्रयोग कर सकते है | Command Prompt पर टाइप करे ps और Enter प्रेस करे यह बताता है के ps command असल में bin directory में संगृहीत एक फाइल है | जब हम Command Prompt पर Command देते है तब Shell , directories की सूचि में से Command के नाम से मिलते हुए फाइल को ढूंढता है | अगर उसका पता चलता है तो , उस फाइल का समरूप program निष्पादित होता है | अगर नहीं तो 'Command not found' ऐसा error देगा | खोजे गए directories की सूचि , path variable द्वारा स्पष्ट रूप से बताया गया है जो की हम बाद में देखेंगे | अभी के लिए अगर हमें list को देखना है तो यह Command टाइप कीजिये $echo $PATH और Enter प्रेस करे जब Commands की बात कर रहे हैं तो एक महत्त्वपूर्ण चीज़ जो हमे पता होनी चाहिए | Linux Commands दो प्रकार के है : external commands तथा internal commands | External Commands वह है जो अलग से files या programs के रूप में मोजूद है | Linux में अधिकांश command इसी प्रकार के होते है | लेकिन कुछ Commands ऐसे है जिनका कार्यान्वयन Shell में ही लिखा जाता है तथा वे अलग files के रूप में नहीं होते | ये Internal Commands होते है | echo command , जो हम बाद में देखेंगे , असल में एक internal command है , Terminal पर जाइए और command prompt पर टाइप करे $echo echo और Enter प्रेस करे Output filename देने के बजाये यह बताता है के echo command का कार्यान्वयन , shell के लिए internal है | तो इसीलिए इसे internal command कहते है | एक और महत्त्वपूर्ण चीज़ जो हमें समजनी चाहिए वो है commands की संरचना याने structure of commands commands , एक या एक से अधिक शब्द के हो सकते है जो की white spaces द्वारा अलग किये होते है | दुसरे केस में पहला शब्द असल में command का नाम है जबकि दुसरे शब्द तर्क है याने arguments लिनक्स प्रक्रियाओं यानि लिनक्स प्रोसेसेस में प्रचालन पर इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। 0:05 मैं उबंटु 10.04 का उपयोग कर रही हूँ। 0:09 हम यह मानते हैं कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरूआत करने के बारे में आपको जानकारी है और कमांड्स के बारे में कुछ बुनियादी जानकारी है। 0:16 यदि आप इच्छुक हैं तो निम्नलिखित वेबसाइट http://spoken-tutorial.org. पर यह दूसरे स्पोकन ट्यूटोरियल के माध्यम से उपलब्ध है। 0:28 यह भी ध्यान रहे कि लिनक्स केस सेंसिटिब है। इस ट्यूटोरियल में उपयोगित सभी कमांड लोअर केस अन्यथा कथित हैं। 0:38 प्रक्रिया क्या है यह समझने के लिए मैं आपको एक संक्षिप्त विवरण देती हूँ। 0:42 जो कुछ भी लिनक्स में चलता है प्रक्रिया कहलाती है। 0:46 शेल जो चल रही है और हमारी कमांड ले रही है एक प्रक्रिया(प्रॉसेस) है। 0:51 कमांड जो हम टर्मिनल पर टाइप करते हैं वह प्रक्रियाएँ हैं जब वे चल रही हैं। 0:56 विडियो जिसमें आप यह ट्यूटोरियल देख रहे हैं एक प्रकिया है। 1:00 जो ब्राउज़र चल रहा है जिसमें आपने स्पोकन ट्यूटोरियल वेबसाइट खोला है एक प्रक्रिया है। 1:05 शेल स्क्रीप्ट्स जो चल रही हैं प्रक्रियाएँ हैं आदि। 1:11 प्रक्रिया को प्रोग्राम के रूप में परिभाषित कर सकते हैं जो निष्पादित किया जा रहा है, वह जो चल रहा है। 1:17 प्रक्रियाएँ अधिकतर हमारे समान हैं वे जन्म लेती हैं, वे मरती हैं। उनके अभिभावक और संतान होती है। 1:28 पहले हम शेल प्रक्रिया के बारे में सीखते हैं। 1:31 शेल प्रक्रिया लिनक्स कर्नेल से शुरू होती है ज्यों ही हम सिस्टम में लोगिन करते हैं। 1:36 इस स्तर पर यह जानना काफी होगा कि लिनक्स कर्नेल लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्यभाग है। 1:43 यह अति महत्वपूर्ण घटकों से बना है जो लिनक्स को चलाता है। शेल अन्य सभी यूजर कमांड प्रक्रियाओं को रचती या जन्म देती है। 1:53 अब टर्मिनल खोलते हैं। 1:57 डॉलर चिन्ह के रूप में हम कमांड प्रोंप्ट को टर्मिनल पर देख सकते हैं। 2:03 यह शेल प्रक्रिया का काम है। 2:07 अब कोई भी कमांड टाइप करें, मानिए “डेट” और एंटर दबायें। 2:13 ज्यों ही हम यह करते हैं शेल प्रक्रिया डेट नाम की एक प्रक्रिया की रचना करेगी। 2:18 अब क्योंकि शेल प्रक्रिया ने डेट प्रक्रिया को जन्म दिया है, हम कह सकते हैं कि शेल प्रक्रिया डेट प्रक्रिया की अभिभावक है तथा डेट प्रक्रिया शेल प्रक्रिया की संतान है। 2:30 एक बार डेट प्रक्रिया ने सिस्टम को डेट (दिनाँक) और समय दिखा दिया, यह मर जाती है। 2:40 एक शेल अन्य शेल प्रक्रिया को भी जन्म दे सकती है। प्रक्रिया को जन्म देना या प्रक्रिया की रचना करने को स्पॉनिंग प्रक्रिया(प्रक्रिया को बोना या पैदा करना) भी कहते हैं। 2:50 अन्य शेल प्रक्रिया को बनाने के लिए केवल टर्मिनल पर जाएँ और एसएच(“sh” ) टाइप करें और एंटर दबायें। 3:00 हम टर्मिनल पर दिख रहे नए प्रोंप्ट को देखेंगे। अब हमारी प्रारंभिक शेल, इसे शेल वन कहें, जिसने चाइल्ड शेल या सबशेल को जन्म दिया है इसे शेल टू कहें। 3:13 अब आप नए कमांड प्रोंप्ट में भी कमांड चला सकते हैं। इस नए कमांड प्रोंप्ट में 1s कमांड चलायें। 3:20 अब कमांड प्रोंप्ट पर ls टाइप करें और एंटर दबायें। हम डाइरेक्टरिस(निर्देशिकाओं) और फाइल्स की सूची देख सकते हैं। 3:32 अब ls नाम की एक नई प्रक्रिया बनी है। 3:35 यहाँ शेल2 ls का अभिभावक है जबकि शेल1 ls का पितामह है। ls शेल2 की संतान है जबकि शेल2 खुद शेल1 की संतान है। 3:56 शेल2 को नष्ट करने के लिए केवल नए प्रोंप्ट पर एक्सिट (“exit”) टाइप करें और एंटर दबायें 4:04 यह शेल2 को नष्ट कर देगा और हम अपनी प्रारंभिक कमांड प्रोंप्ट में वापस आ जायेंगे। 4:12 हमारे और प्रक्रियाओं के बीच की समानताओं को जारी रखते है, हम जानते हैं कि हम में से प्रत्येक में कुछ गुण होते हैं जो हमारी पहचान बताते है वो गुण हमारा नाम, अभिभावक का नाम, जन्म दिनाँक, पैनकार्ड संख्या आदि हो सकते हैं। 4:26 उसी तरह प्रक्रियाओं के भी गुण होते हैं जैसे पीआईडी (प्रोसेस आईडी), पीपीआईडी ( पेरेंट प्रोसेस आईडी), स्टार्ट टाइम आदि। 4:38 इसमें से अधिकतर गुण कर्नेल द्वारा प्रक्रिया टेबल में पोषित किये जाते हैं। 4:43 प्रत्येक प्रक्रिया एक विशिष्ट पूर्णांक के द्वारा विशिष्टता पूर्ण निर्धारित होती है। पीआईडी कहलाती है। पीआईडी कर्नेल द्वारा आवंटित की जाती है जब प्रक्रिया जन्मती है। 4:51 पेरेंट प्रोसेस (अभिभावक प्रक्रिया) की पीआईडी जो नई प्रक्रिया पैदा करती है मानिए कि पी वन , पी वन प्रक्रिया की पीपीआईडी कहलाती है। 5:00 वर्तमान शेल की पीआईडी देखने के लिए प्रोंप्ट पर इको स्पेस डॉलर डॉलर(“echo space dollar dollar”) टाइप करें और एंटर दबायें। 5:11 एक संख्या दिखाई देगी । यह वर्तमान शेल की पीआईडी है। 5:23 एक कमांड जिसका हम ज्यादा उपयोग करेंगे। जब प्रक्रियाओं के बारे में बात होगी, वह पीएस कमांड है। 5:29 पीएस या प्रोसेस स्टेटस एक कमांड है जो सिस्टम में रन हो रही प्रक्रियाओं को प्रदर्शित करती है। 5:34 अब देखें कि क्या होता है यदि हम इस कमांड को बिना किसी पर्याय के चलाते हैं। 5:40 अब कमांड प्रोंप्ट पर पीएस टाइप करें और एंटर दबायें। 5:47 इस तरह हम साधारणतः यूजर द्वारा चलाये जा रहे प्रोग्राम से स्वामित्व , सभी प्रक्रियाओं की सूची देख पायेंगे। 5:54 आप सीएमडी शीर्षक के अधीन प्रक्रिया का नाम देख सकते हैं। 5:58 इसके अलावा आप पीआईडी, टीटीवाई या कंसोल जिसमें प्रक्रिया TIME (टाइम)चला रही है, भी देख सकते हैं। 6:06 वह पूर्ण प्रोसेसर समय है जो कि प्रक्रिया की शुरूआत से इस्तेमाल किया गया। 6:12 मेरी मशीन पर यह दो प्रक्रियाएँ दिखा रहा है। 6:16 एक बैश है, जिस शेल प्रक्रिया का हम उपयोग कर रहे हैं, दूसरी स्वयं पीएस प्रक्रिया है। 6:25 ध्यान रखने लायक यहाँ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि शेल प्रक्रिया की पीआईडी समान है जो कि इको स्पेस डॉलर डॉलर कमांड द्वारा दिखाई दी। 6:35 यदि हम सबशेल बनाते हैं, तो देखिए क्या होता है। टर्मिनल पर एसएच(“sh” ) टाइप करें और एंटर दबायें। 6:42 अब नए प्रोंप्ट में जो कि नई रेखा में दिखाई पड़ता है, पीएस(“ps”) टाइप करें और एंटर दबायें। 6:51 अब हम सूची में 3 प्रक्रियाएँ देख सकते हैं। प्रक्रिया एसएच(sh) जोड़ दी गयी है। 6:57 यहाँ फिर से ध्यान दें कि बैश प्रक्रिया की पीआईडी पहले की तरह समान ही है। 7:05 पीएस कई पर्यायों के साथ आता है जो हम अब देखेंगे । पहला पर्याय जिसमें हमें सूचीबद्ध प्रक्रियाओं के लिए अधिक गुणों का प्रदर्शन दिखाई देगा। 7:13 अब प्रोंप्ट पर पीएस स्पेस माइनस एफ(“ps space minus f”) टाइप करें और एंटर दबायें। फिर से पिछले केस(मामले) की तरह 3 प्रक्रियाओं की सूची बनेगी। 7:28 बैश एसएच और पीएस-एफ। 7:31 भिन्नता केवल यह है कि अब अधिक गुण सूचीबद्ध हैं। 7:36 यूआईडी उस यूजर का यूजरनेम देती है जिसने प्रक्रिया की शुरूआत की। यह पीपीआईडी भी दिखाता है जो कि अभिभावक की पीआईडी है जिसने प्रक्रिया की रचना की। 7:47 उदाहरणस्वरूप, देखिए वह बैश प्रक्रिया sh प्रक्रिया का अभिभावक है, इसलिए बैश की पीआईडी एसएच प्रक्रिया की पीपीआईडी के समान है। 8:00 उसी प्रकार क्योंकि sh प्रक्रिया ps का अभिभावक है, sh प्रक्रिया की पीआईडी ps-f प्रक्रिया की पीपीआईडी के समान है। 8:17 सी प्रोसेसर के उपयोग के लिए मौजूद है। इस समय यह प्रक्रिया के जीवनपर्यंत , प्रोसेसर के प्रतिशत प्रयोग का पूर्णांक वेल्यू है। 8:26 यह 0 के रूप में प्रदर्शित होगा, इस केस (मामले) में उपयोग बहुत कम है। 8:32 STIME क्षेत्र समय बताता है जिस समय प्रक्रिया शुरू हुई, बाकि हम पहले ही देख चुके हैं जब ps चलता है। 8:42 प्रक्रियाएँ दो प्रकार की होती हैं, पहली यूजर प्रोसेसेस (प्रक्रिया होती) हैं । जो यूजर द्वारा शुरू की जाती हैं। 8:49 उदाहरणस्वरूप ps अथवा उस कारण कई कमांड जो हमने टर्मिनल पर चलाई हैं। 8:54 दूसरी सिस्टम प्रोसेसेस (प्रक्रियाएँ) होती हैं, जो प्रक्रियाएँ सिस्टम स्टार्टप या यूजर लोगिन के दौरान प्रायः सिस्टम द्वारा शुरू की जाती हैं। 9:05 सिस्टम प्रक्रिया का उदाहरण बैश हो सकता है। 9:09 कभी-कभी हम सभी प्रक्रियाएँ- सिस्टम प्रक्रियाएँ साथ ही साथ यूजर प्रकियाएँ दोनों देखना चाहते हैं। 9:17 तब हम माइनस e या माइनस capital A ऑप्शन का उपयोग करते हैं। 9:23 टर्मिनल पर जाएँ और प्रोंप्ट पर पीएस स्पेस माइनस ई(“ps space minus e”) टाइप करें और एंटर दबायें। 9:32 हम प्रक्रियाओं की लम्बी सूची देख सकते हैं। 9:35 मल्टीपेज डिस्प्ले पाने के लिए प्रोंप्ट पर केवल टाइप करें। 9:40 “पीएस स्पेस माइनस ई स्पेस वर्टीकल बार स्पेस मोर”(“ps space minus e space vertical bar space more”)एंटर दबायें। 9:52 जैसा हमने पहले देखा कि more यह करेगा के अधिक से अधिक सूचीबद्ध प्रक्रियाएँ एक विंडो में बैठ सकें। 9:58 जैसे ही हम एंटर दबाते हैं हम प्रक्रियाओं की पूर्ण सूची स्क्रोल करते हैं। 10:03 इस सूची में प्रथम प्रक्रिया दिलचस्प है। इसे init(इनिट) प्रक्रिया कहते हैं। 10:09 यह वह प्रक्रिया है जिससे अधिकतर सभी अन्य प्रक्रियाएँ बनी हैं। 10:12 इसमें 1 का पीआईडी है। 10:16 प्रोंप्ट पर वापस आने के लिए क्यू (Q) दबायें। 10:24 तो इस ट्यूटोरियल में हमने प्रक्रिया, शेल प्रक्रिया, प्रक्रिया का जन्मना, प्रक्रियाओं के गुणों तथा प्रक्रियाओं के विभिन्न प्रकारों के बारे में सीखा। दोस्तों, लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। 0:05 इस ट्यूटोरियल में हम कुछ बेसिक कमांड्स का अध्ययन करेंगे। 0:10 मैं उबन्टू 10.04 का इस्तेमाल कर रही हूँ। 0:12 हम यह मानते हैं कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ शुरुआत कैसे करना है, ये आपको पता है। 0:17 यदि आप इच्छुक हैं तो http://spoken-tutorial.org. वेबसाइट पर दिए गए एक दूसरे स्पोकन ट्यूटोरियल के माध्यम से उपलब्ध है। 0:26 इस ट्यूटोरियल में हम देखेंगे कि कमांड्स क्या हैं और कमांड व्याख्याकार यानि इंटरप्रेटर क्या है। 0:33 फिर हम सीखेंगे कि मैन (man) कमांड के इस्तेमाल से लिनक्स में हेल्प कैसे पता करें। 0:39 अब पहला सवाल है कि "कमांड्स क्या हैं" ? 0:43 सरल शब्दों में कहें तो लिनक्स कमांड्स ऐसे शब्द हैं जो दिए जाने पर कुछ एक्शन या कार्य करते हैं। 0:52 लिनक्स कमांड्स शायद ही कभी चार से ज्यादा अक्षर के होंगे जैसे कि ls, who, psआदि। 0:59 कमांड्स लोअर केस में होती हैं तथा वे केस सेंसिटिव हैं। चलिए एक उदाहरण देखते हैं। 1:05 एप्लीकेशन मेन्यू (applications menu) में जाएँ। 1:08 ऐक्सेसरीज़ को चुनें और फिर उपलब्ध ऑप्शन से टर्मिनल पर क्लिक करें। 1:14 या टर्मिनल विंडो खोलने के लिए अपने कीबोर्ड पर Ctrl Alt T प्रेस करें। 1:20 अब हम एक प्रोम्प्ट ($) देख सकते हैं और ठीक उसके साथ एक कर्सर भी है। यहीं पर हमें कमांड टाइप करनी है। 1:29 शब्दों में who टाइप करें और एंटर दबायें। 1:34 हम लॉग इन यूज़र्स के नाम देख सकते हैं। वास्तव में हमने अभी एक कमांड को एक्सक्यूट यानि निष्पादित किया है जो है who, जो कि बताती है कि कौन-कौन सिस्टम में लॉग इन हैं। 1:47 लेकिन ये कुछ अक्षरों की कौन-सी चीज़ या एंटिटी है जो इन कमांड्स को एक्शन में बदलती है। 1:54 ये कमांड इंटरप्रेटर का कार्य है जिसे शेल भी कहते हैं । 1:59 हम शेल को प्रोग्राम के रूप में परिभाषित कर सकते हैं, जो हमारे और लिनक्स सिस्टम के बीच इंटरफेस की तरह काम करता है। 2:08 हमें ऑपरेटिंग सिस्टम में एक्सक्यूट (निष्पादन) करने के लिए कमांड्स एंटर करने की अनुमति देता है। 2:13 लिनक्स में मल्टिपल यानि विविध शेल्स इंस्टाल करना संभव है और जहाँ उपयोगकर्ता अपने पसंद से उन्हें चुन सकते हैं। 2:22 लिनक्स पर मानक यानि स्टैन्डर्ड शेल जो हमेशा /bin/sh के रूप में इन्स्टॉल्ड रहता है उसे बैश (bash)कहते हैं (the GNU Bourne-Again SHell) जो GNU सूट ऑफ टूल्स से है। 2:35 कमांड्स जो हम इस ट्यूटोरियल में देखेंगे वह काफी सामान्य हैं और जो मामूली बदलाव के साथ अधिकांश लिनक्स शेल्स पर चलती हैं। 2:44 तथापि हम इस ट्यूटोरियल में प्रदर्शन के लिए शेल के रूप में बैश का प्रयोग करेंगे। 2:51 वो इसलिए क्योंकि यह एक लोकप्रिय शेल है और लगभग सभी यूनिक्स के लिए वहनीय यानि पोर्टेबल है। 2:58 दूसरे शेल्स हैं Bourne shell (sh) जो कि मौलिक यूनिक्स शेल है , C Shell (csh) और Korn shell(ksh). 3:08 कौन-सा शेल हम इस्तेमाल कर रहे हैं यह देखने के लिए। 3:11 टर्मिनल पर जाएँ और कमांड echo space dollar in capital SHELL टाइप करें और एंटर दबायें। 3:27 सामान्य रूप से /bin/bash आउटपुट है जो हमें बैश शेल देता है। 3:34 काफी तरीके हैं जिससे हम अलग-अलग शेल्स को सक्रिय कर सकते हैं जो कि उन्नत ट्यूटोरियल (Advanced tutorials) में देखेंगे। 3:42 कमांड्स वास्तव में फाइल्स हैं जिसमें प्रोग्राम्स होते हैं जो अक्सर C में लिखी जाती हैं। 3:47 यह फाइल्स डाइरेक्टरीज़ में समाहित होती हैं। कमांड का संचय कहाँ हुआ है इसका पता करने के लिए टाइप कमांड का प्रयोग कर सकते हैं। 3:55 कमांड प्रोंप्ट पर Type--space-- ps टाइप करें और एंटर करें। 4:03 यह बताता है कि ps कमांड असल में स्लैश बिन (bin) डाइरेक्टरी में संग्रहित एक फाइल है। 4:09 जब हम कमांड प्रोम्प्ट पर कमांड देते हैं तब शेल , डाइरेक्टरीज़ की सूची में से कमांड के नाम से मिलती हुई फाइल को ढूँढता है। 4:18 यदि इसका पता चलता है तो उस फाइल का समरूप प्रोग्राम निष्पादित होता है। यदि नहीं तो कमांड नॉट फाउन्ड ऐसा एरर देगा। 4:27 खोजे गए डाइरेक्टरीज़ की सूची पाथ वेरीएबल द्वारा स्पष्ट रूप से बताई गयी है जो कि हम बाद में देखेंगे। 4:34 अभी के लिए यदि हमें इस लिस्ट को देखना है तो केवल एको स्पेस डॉलर पाथ कमांड टाइप करें। 4:44 बड़े अक्षर में और एंटर दबायें। 4:52 जब कमांड्स की बात कर रहे हैं तो एक महत्वपूर्ण चीज़ जो हमें पता होनी चाहिए। 4:57 लिनक्स कमांड्स दो प्रकार की हैं : एक्सटर्नल कमांड्स तथा इंटरनल कमांड्स। 5:02 एक्सटर्नल कमांड्स वह है जो अलग से फाइल्स या प्रोग्राम्स के रूप में मौजूद है। 5:07 लिनक्स में अधिकांश कमांड्स इसी प्रकार की होती हैं। लेकिन कुछ कमांड्स ऐसी हैं जिनका कार्यान्वयन शेल में ही लिखा जाता है तथा वे अलग फाइल्स के रूप में नहीं होती। 5:18 ये इंटरनल कमांड्स होती हैं। 5:20 एको कमांड, जिसे हम बाद में देखेंगे, वास्तव में एक इंटरनल कमांड है। 5:25 टर्मिनल पर जाएँ और कमांड टाइप करें। 5:33 type space echo और एंटर दबायें। 5:40 आउटपुट एको को शेल बुलेटिन के रूप में दिखाता है। 5:43 अतः फाइलनेम देने के बजाय यह बताता है कि एको कमांड का कार्यान्वयन शेल के लिए इंटरनल है। इसलिए इसे इंटरनल कमांड कहते हैं। 5:56 एक और महत्वपूर्ण चीज़ जो हमें समझनी चाहिए वह है कमांड्स की संरचना। 6:01 कमांड्स एक या एक से अधिक शब्द के हो सकते हैं जो कि ह्वाइट स्पेसेस द्वारा अलग किए होते हैं। 6:08 दूसरे केस में पहला शब्द कमांड का वास्तविक नाम है जबकि अन्य शब्द तर्क हैं। 6:16 आर्ग्यूमेंट्स, ऑप्शंस, एक्स्प्रेशंस या फाइल हो सकते हैं। 6:20 स्पष्ट किए ऑप्शन के आधार पर एक कमांड अलग-अलग कार्य कर सकती है। 6:26 साधारणतः उनके पहले एक सिंगल या डबल माइनस चिन्ह होता है जिसे क्रमशः शोर्ट या लॉंग ऑप्शन कहते हैं। 6:35 टर्मिनल विंडो पर जाएँ और कमांड्स टाइप करें और उनके आउटपुट्स देखें। 6:40 टर्मिनल विंडो को क्लियर करने के लिए क्लियर टाइप करें। 6:44 उसके बाद ls टाइप करें और एंटर दबायें। 6:49 फिर से, क्लियर टाइप करें और एंटर दबायें। 6:55 ls space minus a टाइप करें और एंटर दबायें। 7:04 टर्मिनल विंडो को क्लियर करने के लिए क्लियर टाइप करें। 7:11 अबls space minus minus all टाइप करें और एंटर दबायें। 7:19 फिर से, टर्मिनल को क्लियर करने के लिए क्लियर टाइप करें। 7:23 अब ls space minus d टाइप करें और एंटर दबायें। 7:32 इस समय यह समझना काफी है कि कैसे ऑप्शंस में बदलाव होने पर कमांड्स का बर्ताव बदलता है। 7:40 लिनक्स में हमारे पास काफी सारी कमांड्स हैं। 7:45 हर एक में कई सारे अलग ऑप्शंस हैं। 7:48 कमांड्स को एक साथ संयुक्त भी कर सकते हैं जो कि हम बाद में देखेंगे । तो इतनी सारी चीज़ें हम दिमाग में कैसे रखें। 7:55 सच में आपको इसकी ज़रूरत नहीं । क्योंकि लिनक्स में उत्कृष्ट ऑनलाइन हेल्प या मदद की सुविधा उपलब्ध है। 8:01 मैन(man) कमांड सिस्टम पर सभी उपलब्ध कमांड के बारे में डाक्यूमेन्टेशन या अभिलेख प्रदान करता है। 8:08 उदाहरण के लिए ls कमांड के बारे में जानने के लिए, आपको टर्मिनल पर जाना पड़ेगा। 8:16 ls तर्क के साथ मैन कमांड टाइप करें, जो है type man space ls और एंटर दबायें। 8:30 बाहर आने के लिए क्यू (q)दबायें। 8:35 मैन सिस्टम का मैन्यूअल पेजर है। प्रत्येक तर्क जो मैन को दिया जाता है वह साधारणतः एक प्रोग्राम का नाम , यूटीलीटी यानि उपयोगिता, या फंक्शन होता है। 8:43 इन तर्कों से जुड़े हुए मैन्यूअल पेज को फिर ढूँढकर दर्शाया जाता है। 8:49 यदि एक सेक्शन प्रदान किया है, यह मैन को मैन्यूअल में से उसी सेक्शन की ओर देखने के लिए कहेगा । 8:55 डिफॉल्ट एक्शन यह है कि सारे उपलब्ध सेक्शंस में खोजे और वह भी एक पूर्वनिर्धारित क्रम में और पाए गए पेज में से सिर्फ पहला पेज दिखाए, भले ही वह पेज कई सेक्शंस में मौजूद है। 9:07 आप मैन कमांड के बारे में ही अधिक जानने के लिए मैंन कमांड का उपयोग कर सकते हैं। 9:14 टर्मिनल पर जाएँ और man space man टाइप करें और एंटर दबायें। 9:23 इससे बाहर आने के लिए क्यू (q) दबायें। 9:26 मैन कमांड में कई ऑप्शन हैं। 9:30 यहाँ मैं आपको ज्यादा उपयोगी वालों के बारे में बताऊँगी । कभी-कभी हमें पता होता है जो हम करना चाहते हैं लेकिन सही कमांड नहीं पता होती। तब हम क्या करे? 9:41 मैन, -k ऑप्शन प्रदान करता है जो एक कीवर्ड को लेता है और फिर कमांड्स की सूची और उनका संक्षिप्त उद्देश्य बताता है। 9:50 उदाहरण के लिए, डाइरेक्टरी बनाने के लिए, हमें सही कमांड का पता ना हो। 9:56 तो हम कमांड प्रोंप्ट पर जा सकते हैं और man space minus k space directories टाइप करें और एंटर दबायें। 10:12 अब हम प्रत्येक कमांड्स खोज सकते हैं ताकि देख पाएँ कि असल में हमें क्या चाहिए। 10:17 यही चीज़ apropos कमांड का उपयोग कर भी प्राप्त कर सकते हैं। 10:21 कमांड प्रोंप्ट पर apropos space directories टाइप करें और आउटपुट देखने के लिए एंटर दबायें। 10:36 कभी-कभी हमें अधिक विवरण की ज़रूरत नहीं होती । हमें सिर्फ ये जानना होता है कि कमांड क्या करती है। 10:40 उस स्थिति में हम whatis command या man –f कमांड का इस्तेमाल कर सकते हैं। दोनों ही कमांड के बारे में एक लाइन का विवरण देते हैं। 10:52 टर्मिनल पर जाएँ, टर्मिनल को क्लियर करने के लिए clear टाइप करें। 10:58 अब whatis space ls टाइप करें और एंटर दबायें। 11:06 कुछ कमांड्स में कई ऑप्शंस होते हैं। हो सकता है कि एक कमांड के विभिन्न ऑप्शंस की सूची हम प्राप्त करना चाहें। 11:13 तब हम –help ऑप्शन का इस्तेमाल करते हैं। 11:18 कमांड प्रोंप्ट पर जाएँ और ls space minus minus help टाइप करें और एंटर दबायें। लिनक्स में जनरल परपज़ यूटीलीटीज़ के इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। 0:06 इस ट्यूटोरियल में हम अपने आप को कुछ बुनियादी लेकिन ज्यादातर इस्तेमाल होने वाले लिनक्स कमांड्स से परिचित कराएँगे। 0:14 इस अभ्यास का मुख्य प्रयोजन है,लिनक्स पर काम करने की शुरुआत कराना। 0:21 पहली कमांड जो हम देखेंगे वो है एक्को कमांड। ध्यान दें लिनक्स कमांड केस सेंसिटिव होती हैं। 0:29 यहाँ सभी कमांड और उनके पर्याय छोटे अक्षर में हैं और जब नहीं है तब बताया गया है। 0:36 इस कमांड का उपयोग स्क्रीन पर मेसेज यानि कोई संदेश प्रदर्शित करने के लिए करते हैं। 0:43 उबंटु में टर्मिनल पर जाने के लिए CTRL+ALT+T मदद करता है। 0:48 हो सकता है यह कमांड सभी यूनिक्स सिस्टम पर न चले। 0:52 टर्मिनल को ओपन करने की प्रक्रिया पहले से ही एक दूसरे ट्यूटोरियल में समझाई गयी है। 0:58 प्रोंप्ट पर इको स्पेस हेलो वर्ल्ड टाइप करें और एंटर दबायें। 1:08 यह स्क्रीन पर प्रथागत हेलो वर्ल्ड मेसेज प्रदर्शित करता है। 1:14 इको कमांड को हम वेरीएबल के मूल्य को प्रदर्शित करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 1:19 प्रोंप्ट पर बड़े अक्षर में इको स्पेस डॉलर शेल टाइप करें और एंटर दबायें। 1:30 यह आउटपुट है कि वर्तमान शेल इस्तेमाल हो रही है। 1:36 हम इको कमांड के साथ एस्केप सीक्वेन्सेस भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 1:42 इसके लिए लिनक्स में हमें –e ऑप्शन का प्रयोग करना होगा। 1:46 सामान्य एस्केप सीक्वेन्सेस में टैब के लिए t, नई लाइन के लिए n तथा c एक एस्केप सीक्वेन्स है जिसे जब इस्तेमाल करते हैं तो प्रोम्प्ट को उसी लाइन पर प्रदर्शित करता है। 2:03 यह उपयोगी हो सकता है यदि कुछ एंटर करने से पहले हमें प्रोम्प्ट मेसेज यानि त्वरित मेसेज चाहिए। प्रोंप्ट पर echo space minus e single quote में टाइप करें, back slash c कमांड एंटर करें और एंटर दबायें। 2:32 हम देखेंगे कि उसी लाइन पर 'Enter a command' प्रिंट होने पर प्रोम्प्ट प्रदर्शित होगा। 2:38 आप जानना चाहेंगे कि लिनक्स कर्नल का वर्श़न जो आप चला रहे हैं वह कौन-सा है। 2:43 इसके बारे में तथा हमारी मशीन की अन्य विशेषताओं को जानने के लिए हमारे पास uname कमांड है। प्रोंप्ट पर uname space hyphen r टाइप करें और एंटर दबायें। 2:58 आपका यूज़रनेम (username) क्या है यह जानने के लिए प्रोम्प्ट पर who space am space I टाइप करें और एंटर दबायें। 3:11 यह असल में who कमांड से आता है जोकि सिस्टम में लॉगिन हुए वर्त्तमान उपयोगकर्ताओं की सूची बनाता है,यदि आपका सिस्टम एक मल्टीयूज़र सिस्टम है तो। 3:21 कई दफा आपके लॉगिन पासवर्ड में समझौता हो सकता है और आप उसे बदलना चाहोगे। 3:28 इसके लिए हमारे पास passwd कमांड है । प्रोंप्ट पर P-a-s-s-w-d टाइप करें और एंटर दबायें। 3:37 जब आप इस कमांड को टाइप करते हैं, वर्त्तमान पासवर्ड को टाइप करने के लिए कहेगा। 3:43 यहाँ मैं सिस्टम का कर्रेंट पासवर्ड टाइप करूँगी। 3:48 जब वह सही से एंटर करेंगे, तब आपको अपना नया पासवर्ड एंटर करना होगा और उसकी पुष्टि के लिए दुबारा टाइप करें। 4:02 लेकिन वर्त्तमान पासवर्ड को अगर आप भूल गए हैं तो क्या करें? 4:06 फिर भी, वर्तमान पासवर्ड को जाने बिना आप पासवर्ड बदल सकते हैं। लेकिन यह सिर्फ रूट यूज़र द्वारा किया जा सकता है। 4:14 अब रूट यूज़र कौन है। 4:18 वह एक विशेषाधिकारों वाला व्यक्ति है। 4:22 समरूपता बनाते हुए हम यह कह सकते हैं कि रूट यूज़र्स विन्डोज़ में ऐड्मिनिस्ट्रेटिव पद के यूज़र के समान है। 4:30 सिस्टम में दिनांक तथा समय आप जानना चाहोगे। इसके लिए डेट कमांड का उपयोग करते हैं। 4:36 टर्मिनल में डेट कमांड को टाइप करें और एंटर दबायें। 4:42 यह सिस्टम का वर्तमान समय और दिनांक प्रदर्शित करेगा । 4:45 जैसे कि हम देख सकते हैं डेट कमांड हमें दोनों दिनांक और समय देता है। इसके बहुमुख उपयोग होने के साथ इसके कई विकल्प भी हैं। 4:54 प्रोंप्ट पर date space plus 'percent' sign capital T टाइप करें और एंटर दबायें। 5:07 यह (hh:mm:ss) के रूप में केवल हमें समय बताता है। 5:12 प्रोंप्ट पर date space plus 'percentage sign small h टाइप करें और एंटर दबायें। 5:23 यह महीने का नाम बताता है। 5:25 प्रोंप्ट पर date space plus percentage sign small m टाइप करें और एंटर दबायें। 5:38 यह सांख्यिक रूप में साल का महीना बताता है। यहाँ यह फरवरी महीने के लिए 02 दिखा रहा है। आपको प्राप्त आउटपुट के अनुसार इसे मिलायें। 5:50 प्रोंप्ट पर date space plus percentage sign small y टाइप करें और एंटर दबायें। 6:01 यह वर्तमान साल के आखिर दो अंक बताता है। 6:05 हम इन पर्यायों को संघटित कर सकते हैं। उदाहरणस्वरूप प्रोंप्ट पर date space plus double quotes में percentage small h percentage small y टाइप करें और एंटर दबायें। 6:34 यह फरवारी 11 दिखा रहा है। 6:39 अन्य संबंधित कमांड है cal कमांड। हालाँकि यह आम कमांड नहीं है यह हमें कोई भी महीना और साल देखने में मदद करता है। 6:48 वर्तमान महीने के कैलन्डर को देखने के लिए प्रोंप्ट पर ‘cal’ टाइप करें और एंटर दबायें। 6:56 किसी भी महीने का कैलन्डर देखने के लिए, मानिए दिसम्बर २०७०, प्रोंप्ट पर ‘ cal space 12 space 2070 टाइप करें और एंटर दबायें। 7:13 यह दिसम्बर 2070 का कैलन्डर दिखाता है। 7:19 आगे बढ़ने से पहले हम फाइल्स और डाइरेक्टरीज़ के बारे में कुछ चर्चा करते हैं। 7:26 लिनक्स में लगभग सब कुछ एक फाइल है। अब सवाल है की फाइल क्या है? 7:34 वास्तव में फाइल वह है जहाँ हम अपने डाक्यूमेंट्स और पेपर्स संग्रहित करते हैं। उसी प्रकार से एक लिनक्स फाइल भी जानकारी को संग्रहित करने की जगह है। 7:48 अगला, डाइरेक्टरी क्या है ? 7:52 डाइरेक्टरी को फाइलों तथा अन्य उप-डाइरेक्टरीज़ के संग्रह के रूप में समझा जा सकता है। 7:58 डाइरेक्टरी हमें अपनी फाइलों को व्यवस्थित रूप में आयोजन करने में मदद करती है। 8:04 यह विन्डोज़ में फ़ोल्डरों के समान है। 8:08 लिनक्स सिस्टम पर जब हम लॉगिन करते हैं, स्वतः से होम डाइरेक्टरी में होते हैं। होम डाइरेक्टरी देखने के लिए प्रोंप्ट पर echo space dollar HOME टाइप करें और एंटर दबायें। 8:27 अगली कमांड हमें वर्त्तमान डाइरेक्टरी जिस पर हम काम कर रहे हैं उसे दिखाने में मदद करती है । वह है pwd जो प्रेसेंट वर्किंग डाइरेक्टरी से जानी जाती है। प्रोम्प्ट पर pwd टाइप करें और एंटर दबायें। 8:42 अब जब कि हमें अपनी डाइरेक्टरी के बारे में पता है तो हम उस डाइरेक्टरी की फाइलों तथा सब-डाइरेक्टरीज़ के बारे में जानना चाहेंगे। इसके लिए हम ls कमांड का इस्तेमाल करेंगे जो कि सबसे व्यापक रूप से यूनिक्स और लिनक्स में प्रयोग की जाती है। 8:56 ls कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। 9:01 अब आउटपुट को देखें। 9:04 फाइलें और सब-डाइरेक्टरीज़ साधारणतः अलग-अलग रंग में दिखते हैं। 9:08 ls कमांड बहुमुखी है और इसके बहुत से ऑप्शंस हैं। चलिए इनमें से कुछ देखते हैं। प्रोम्प्ट पर ls space minus minus all टाइप करें और एंटर दबायें। 9:24 ये सभी फाइलों के साथ-साथ छुपी हुई यानि हिडन फाइलें भी बताता है।(फाइल नेम जो डॉट से शुरू हो रहे हैं वो यहाँ पर हिडन फाइलें हैं) 9:33 अगर हम फाइल ही नहीं बल्कि उसके साथ और अधिक जानकारी पाना चाहते हैं तो माईनस l ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं। 9:40 प्रोम्प्ट पर ls space minus small l कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। 9:50 यह हमें फाइल परमिशंस यानि फाइल आज्ञा , फाइल के अधिकारी यानि ओनर का नाम, लास्ट मोडिफिकेशन टाइम यानि पिछला संशोधन समय, बाइट्स में फाइल साइज़ , इत्यादि बताता है। इस ऑप्शंस का विवरण इस वर्त्तमान ट्यूटोरियल के क्षेत्र से बाहर है। 10:06 1s को कई ऑप्शंस के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं जो हम बाद में देखेंगे। 10:11 इन सभी जानकारी को स्क्रीन पर प्रदर्शित करने के बजाय, हम एक फाइल में संग्रहित कर सकते हैं। असल में इस तरह से कोई भी कमांड के आउटपुट को फाइल में संग्रहित करके रख सकते हैं। 10:23 कमांड के बाद राइट ऐंगअल ब्रैकिट और फाइल के नाम को टाइप करें अर्थात हम ls space minus small l space right angle bracket space fileinfo लिखते हैं। 10:46 अब सभी फाइलों और फोल्डरों की जानकारी fileinfo नामक फाइल में जायेगी । 10:54 लेकिन हम इस फाइल के कंटेंट्स को कैसे देखें । इसके लिए हमारे पास cat कमांड है। बस cat स्पेस और फाइल का नाम टाइप कीजिये यहाँ नाम है fileinfo और एंटर दबायें। 11:12 आप उसके कंटेंट्स देख सकते हैं। दरअसल,cat का एक और मुख्य उपयोग है फाइल को बनाना । इसके लिए प्रोंप्ट पर cat space right angle bracket space filename टाइप करें और एंटर दबायें। 11:36 अब हम अगर एन्टर दबाते हैं तो कमांड उपयोगकर्ता से निवेश यानि इनपुट के लिए इंतज़ार करता है। 11:42 जो भी हम टाइप करते हैं वो फाइल में लिखा जाता है। तो कुछ टेक्स्ट टाइप करें। 11:50 अब एंटर की प्रेस करके इनपुट का अंत करें। 11:56 अब कंट्रोल तथा d की दोनों को एक साथ प्रेस करें। 12:05 अगर फाइल उदाहरण के लिए फाइल 1 पहले से ही मौजूद है तो उपयोगकर्ता का इनपुट इस फाइल पर ओवरराइट होता है। 12:13 अब यदि आप पहले से मौजूद फाइल,फाइल 1 के अंत में जोड़ना चाहते हैं तो प्रोंप्ट पर cat space double right angle bracket space file1 टाइप करें और एंटर दबायें। 12:36 यहाँ कई अन्य कमांड हैं जिनपर हम चर्चा कर सकते हैं लेकिन फिलहाल यहीं तक सीमित रखते हैं। असल में बताए गए कमांड्स में भी कई सारे ऑप्शंस हैं जिनपर चर्चा नहीं हुई है। लिनक्स में working with regular files पर इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। 0:07 फाइल्स और डाइरेक्टरिस मिलकर लिनक्स फाइल सिस्टम को बनाती हैं। 0:13 पिछले ट्यूटोरियल में हम देख चुके हैं कि डाइरेक्टरी में कैसे कार्य करें। आप इस वेबसाइट पर ट्यूटोरियल पा सकते हैं। 0:25 इस ट्यूटोरियल में हम देखेंगे कि regular files को कैसे संभालें। 0:31 हम पहले से ही अन्य ट्यूटोरियल में देख चुके हैं कि हम cat कमांड का उपयोग करके फाइल कैसे बना सकते हैं। विवरण के लिए कृपया इस वेबसाइट पर जाएँ। 0:46 देखते हैं कि फाइल को एक जगह से दूसरी जगह कैसे कॉपी करें। इसके लिए हमारे पास cp कमांड है। 0:55 देखते हैं कि कमांड का उपयोग कैसे करें। 1:00 सिंगल फाइल कॉपी करने के लिए हम टाइप करेंगे- cp space एक या अधिक [OPTION]... space SOURCE फाइल का नाम space गंतव्य फाइल नाम DEST. 1:15 उसी समय कई फाइल्स को कॉपी करने के लिए हम लिखेंगे- cp space एक या अधिक [OPTION]... SOURCE फाइल्स का नाम जो हम कॉपी करना चाहते हैं और गंतव्य DIRECTORY का नाम जिसमें यह फाइल्स कॉपी होंगी । 1:34 चलिए एक उदाहरण देखते हैं, पहले हम टर्मिनल खोलते हैं। 1:42 हमारे पास पहले से ही /home/anirban/arc/ में test1 नामक फाइल है। 1:49 देखने के लिए कि test1 में क्या है, हम $ cat test1 करेंगे और एंटर दबायेंगे। 2:00 test1 में दिखाये गए कन्टेंट को हम देख सकते हैं, अब यदि हम इसे test2 नामक अन्य फाइल में कॉपी करना चाहते हैं। हमें $ cp test1 test2 लिखना होगा और एंटर दबाना होगा। 2:22 अब फाइल कॉपी हो गई है। 2:25 यदि test2 मौजूद नहीं है तो यह पहले बनानी होगी और फिर test1 का कन्टेंट इसमें कॉपी करना होगा। 2:35 यदि यह पहले से ही मौजूद है तो यह अपने आप अधिलेखित हो जायेगा। कॉपी की गई फाइल को देखने के लिए $ cat test2 टाइप करें और एंटर दबायें। 2:52 आप फाइल्स को भिन्न डाइरेक्टरिस से और भिन्न में भी कॉपी कर सकते हैं। उदाहरणस्वरूप, $ cp /home/anirban/arc/demo1(जो कि फाइल का नाम है जिसे हम कॉपी करना चाहते हैं) /home/anirban/demo2 टाइप करें और एंटर दबायें। 3:31 यह क्या करेगा कि यह फाइल demo1 को सोर्स डाइरेक्टरी /home/anirban/arc/ से गंतव्य डाइरेक्टरी /home/anirban में कॉपी करेगा, यह demo2 नाम से फाइल कॉपी करेगा। 3:51 यह देखने के लिए कि demo2 यहाँ है, ls space /home/anirban टाइप करें और एंटर दबायें। 4:13 हमारे ऊपर स्क्रोल करते ही आप देखेंगे कि demo2 यहाँ है। 4:19 आगे बढ़ने से पहले स्क्रीन साफ करें । 4:25 यदि आप गंतव्य डाइरेक्टरी में फाइल का वही नाम रखना चाहते हैं, आप फाइल के नाम का भी उल्लेख नहीं कर सकते। उदाहरणस्वरूप- 4:35 $ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/ टाइप करें और एंटर दबायें। 5:03 यह फिर से demo1 फाइल को /home/anirban/arc/ डाइरेक्टरी से /home/anirban डाइरेक्टरी में अच्छी तरह से demo1 फाइल नाम के साथ कॉपी करेगा। 5:20 demo1 को देखने से पहले ls/home/anirban टाइप करें और एंटर दबायें। 5:33 यहाँ फिर से हम ऊपर स्क्रोल करना होगा और आप देख सकते हैं कि demo1 फाइल यहाँ है। 5:40 फिर से आगे बढ़ने से पहले स्क्रीन साफ करें। 5:48 एक और उदाहरण, तब हमें गंतव्य फाइल का नाम देने की आवश्यकता नहीं होती, जब हम कई फाइल कॉपी करना चाहते हैं। 5:56 हम मानते हैं कि हमारे पास हमारी होम डाइरेक्टरी में test1 test2 test3 नामक तीन फाइल्स हैं। 6:04 अब हम $ cp test1 test2 test3 /home/anirban/testdir टाइप करेंगे। और एंटर दबायेंगे। 6:27 यह बिना इनके नाम बदले सभी तीनों फाइल्स test1,test2 और test3 को /home/anirban/testdir डाइरेक्टरी में सेव करेगा। 6:41 आप देखेंगे कि यह फाइल्स वास्तव में कॉपी की गई हैं। हम ls /home/anirban/testdir टाइप करेंगे और एंटर दबायेंगे। 7:03 जैसा कि आप देख सकते हैं test1,test2 और test3 डाइरेक्टरी में मौजूद हैं। 7:10 यहाँ cp में कई विकल्प हैं। यहाँ हम उनमें से केवल अति महत्वपूर्ण ही देखेंगे। 7:18 पहले स्लाइड्स पर वापस जायेंगे। 7:23 विकल्पों में केपिटल R एक महत्वपूर्ण है।यह एक पूर्ण डाइरेक्टरी संरचना की पुनरावर्ती कॉपी का कारण बनता है। 7:33 एक उदाहरण देखते हैं। 7:38 testdir डाइरेक्टरी के सभी कन्टेंट को testनामक डाइरेक्टरी में कॉपी करने का प्रयास करें। 7:48 उसके लिए हमें cp testdir/ test टाइप करना होगा और एंटर दबाना होगा। 8:02 जैसा कि आप आउटपुट मैसेज से देख सकते हैं। 8:06 साधारणतः हम कुछ कन्टेंट के साथ डाइरेक्टरी को cp कमांड से कॉपी नहीं कर सकते। 8:14 लेकिन -R ऑप्शन का उपयोग करके, हम यह कर सकते हैं। 8:19 अब हम cp -R testdir/ test टाइप करेंगे और एंटर दबायेंगे। 8:36 फाइल्स अब कॉपी हो चुकी है, यह देखने के लिए कि टेक्स्ट डाइरेक्टरी वास्तव में मौजूद है,ls टाइप करें और एंटर दबायें। 8:47 जैसा कि आप देख सकते हैं test डाइरेक्टरी मौजूद है। स्क्रीन को साफ करें। 8:57 test के अंदर कन्टेंट देखने के लिए ls test टाइप करें और एंटर दबायें। 9:08 आप test डाइरेक्टरी का कंटेंट्स देख सकते हैं। 9:13 अब हम वापस स्लाइड्स पर चलते हैं। 9:16 हमने देखा, यदि फाइल अन्य फाइल में कॉपी होती है जो कि पहले से ही मौजूद है, तो मौजूदा फाइल अधिलेखित होती है। 9:25 अब क्या, यदि हम एक महत्वपूर्ण फाइल को अनजाने में अधिलेखित करते हैं। 9:30 ऐसा कुछ होने से रोकने के लिए हमारे पास केपिटल -b ऑप्शन है। 9:36 यह प्रत्येक मौजूद फाइल का बैकअप बनाता है। 9:41 हम -i(interactive) ऑप्शन का उपयोग भी कर सकते हैं। यह हमें हमेशा किसी भी गंतव्य फाइल को अधिलेखित करने से पहले चेतावनी देता है। 9:54 अब देखें कि mv कमांड कैसे कार्य करती है। 9:59 इसका उपयोग फाइल्स के स्थानांतरण के लिए किया जाता है। अब देखते हैं कि यह कैसे उपयोगी है? 10:04 इसके दो मुख्य उपयोग हैं। 10:07 इसका उपयोग फाइल या डाइरेक्टरी को फिर से नाम देने के लिए किया जाता है। 10:11 यह फाइल्स के समूह को विविध डाइरेक्टरी में स्थानांतरित भी करती है। 10:17 mv , cp के समान है, जो हम पहले ही देख चुके हैं। अतः जल्दी से देखते हैं कि mv का उपयोग कैसे किया जा सकता है। 10:29 हम टर्मिनल खोलते हैं और $ mv test1 test2 टाइप करते हैं और एंटर दबाते हैं। 10:43 यह test1 नामक फाइल को नया नाम देगा, जो फाइल test2 नाम से होम डाइरेक्टरी में पहले से ही मौजूद है। 10:52 यदि test2 पहले से ही मौजूद है तो यह अपने-आप अधिलेखित हो जायेगी। 11:00 यदि हम फाइल के अधिलेखित होने से पहले चेतावनी चाहते हैं। 11:05 हम mv कमांड के साथ -i ऑप्शन का उपयोग कर सकते हैं। 11:10 मानते हैं कि हमारे पास anirban नामक दूसरी फाइल है। इस फाइल का भी हम test2 के रूप में नवीनीकरण करना चाहते हैं। 11:20 हम mv -i anirban test2 टाइप करेंगे और एंटर दबायेंगे। 11:32 जैसा कि आप देख सकते हैं चेतावनी दी जा रही है कि क्या test2 अधिलेखित होनी चाहिए या नहीं। 11:41 यदि हम y दबाते हैं और फिर एंटर दबाते हैं, तो फाइल वास्तव में अधिलेखित हो जायेगी। 11:49 हम विविध फाइल्स के साथ cp के जैसे mv का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इस केस में गंतव्य डाइरेक्टरी होना चाहिए। 11:58 आगे बढ़ने से पहले, स्क्रीन को साफ करें। 12:03 मान लीजिए कि हमारे पास हमारी होम डाइरेक्टरी में abc.txt, pop.txt और push.txt नामक तीन फाइल्स हैं। 12:14 उनकी मौजूदगी को देखने के लिए ls टाइप करें और एंटर दबायें। 12:21 फाइल्स pop.txt,push.txt और abc.txt यहाँ हैं, स्क्रीन को साफ करें। 12:36 अब हम इन तीन फाइल्स को testdir नामक डाइरेक्टरी में स्थानांतरित करना चाहते हैं। 12:46 हमें क्या करने कि जरूरत है कि mv abc.txt pop.txt push.txt और फिर गंतव्य फोल्डर का नाम टाइप करें, जो कि testdir है और एंटर दबायें। 13:14 उनको देखने के लिए ls testdir टाइप करें और एंटर दबायें। 13:20 आप फाइल्स abc, pop और push.txt देख सकते हैं। 13:27 अब mv में कुछ ऑप्शन्स देखते हैं, पहले स्लाइड्स पर वापस चलते हैं। 13:37 mv कमांड में -b या –backup ऑप्शन उपलब्ध हैं। यह प्रत्येक फाइल्स के अधिलेखित होने से पहले इन्हें गंतव्य में बैकअप करेगा। 13:48 -i ऑप्शन जिसे हमने पहले ही देखा, किसी भी गंतव्य फाइल के अधिलेखित होने से हमें पहले चेतावनी देता है। 13:58 अगली कमांड जो हम देखेंगे, वह rm कमांड है। इस कमांड का उपयोग फाइल्स को डिलीट करने के लिए किया जाता है। 14:06 टर्मिनल पर वापस जायें और ls testdir टाइप करें। 14:15 हम faq.txt नामक मौजूद फाइल को देख सकते हैं। मान लीजिए कि हम इसे डिलीट करना चाहते हैं। 14:23 इसके लिए, हम $ rm testdir/faq.txt टाइप करेंगे और एंटर दबायेंगे। 14:37 यह कमांड faq.txt फाइल को /testdir डाइरेक्टरी से हटा देगी। 14:46 यह देखने के लिए कि फाइल वास्तव में हट गई है या नहीं। फिर से ls testdir टाइप करें और एंटर दबायें। 15:00 हम अब फाइल faq.txt नहीं देख सकते। 15:05 हम rm कमांड को विविध फाइल्स के साथ भी इस्तेमाल कर सकते हैं । 15:10 testdir डाइरेक्टरी में दो फाइल्स हैं abc2 और abc1 . 15:17 मानिये कि हम abc1 और abc2 फाइल्स को हटाना चाहते हैं । 15:23 इसके लिए हम rm testdir/abc1 testdir/abc2 टाइप करेंगे और एन्टर दबायेंगे । 15:45 यह abc1 और abc2 फाइल्स को testdir डाइरेक्टरी से हटा देगा । 15:53 यह फाइल्स हटी हैं या नहीं देखने के लिए फिर से ls testdir टाइप करें । abc1 और abc2 फाइल्स नहीं हैं । 16:07 आगे बढ़ने से पहले स्क्रीन को साफ करें। 16:14 अब स्लाइड्स पर वापस जाते हैं । 16:18 चलिए सारांशित करते हैं हमने अभी जो कहा । 16:20 वो यह कि एक फाइल को डिलीट करने के लिए हम rm लिखते हैं और फिर फाइल का नाम । 16:27 विविध फाइल्स को डिलीट करने के लिए हम rm लिखते हैं और उन विविध फाइल्स का नाम जो हम डिलीट करना चाहते हैं । 16:34 अब rm कमांड के कुछ ऑप्शंस को देखते हैं । 16:40 कभी-कभी फाइल सुरक्षित होती हैं जो rm का उपयोग करके भी डिलीट नहीं होती हैं। इस केस में हमारे पास -f ऑप्शन है, जिसका उपयोग फाइल को डिलीट करने के लिए किया जा सकता है। 16:57 अन्य सामान्य ऑप्शन है -r ऑप्शन । चलिए देखते हैं कि यह ऑप्शन कहाँ उपयोगी है । 17:07 टर्मिनल पर वापस जाते हैं । 17:12 डाइरेक्टरी डिलीट करने के लिए सामान्यतः rm कमांड का उपयोग नहीं करते हैं , उसके लिए हमारे पास rmdir कमांड है । 17:21 लेकिन rmdir कमांड साधरणतः डाइरेक्टरी डिलीट करती है, उसके बाद ही वह रिक्त होती है । 17:27 यदि हमें एक डाइरेक्टरी डिलीट करनी है जिसमें कई फाइल्स और उप डाइरेक्टरी मौजूद है तो हम क्या करें । 17:35 rm कमांड से इसके करने की कोशिश करते हैं । 17:38 rm और डाइरेक्टरी जो हम डिलीट करना चाहते हैं जो है testdir टाइप करते हैं और एन्टर दबायें। 17:47 आउटपुट मेसेज से हम देख सकते हैं कि हम testdir को डिलीट करने के लिए rm डाइरेक्टरी का उपयोग नहीं कर सकते । 17:55 लेकिन यदि हम -r और -f ऑप्शन जोड़ते हैं तो हम ऐसा कर सकते हैं । 18:03 rm -rf testdir प्रेस करें और फिर एन्टर दबायें। 18:16 अब testdir डाइरेक्टरी सफलतापूर्वक डिलीट हो चुकी है । 18:22 अगली कमांड के अध्ययन के लिए स्लाइड्स पर वापस जाएँ। 18:27 cmp कमांड । 18:29 कभी-कभी हमें यह जाँचने की आवश्यकता होती है कि क्या दो फाइल्स समान हैं। यदि वे समान हैं तो हम उनमें से एक डिलीट कर सकते हैं। 18:37 और हम देखना चाहते हैं कि क्या पिछले वर्जन से फाइल बदल गई है। 18:44 इनके और कई अन्य उद्देश्यों के लिए, हम cmp कमांड का उपयोग कर सकते हैं। 18:49 यह दो फाइल्स की बाइट-दर-बाइट तुलना करती है। 18:54 file1 और file2 की तुलना करने के लिए, हमें cmp file1 file2 लिखना होगा। 19:03 यदि दो फाइल्स में पूर्ण रूप से समान कंटेंट है तो कोई भी मैसेज नहीं दिखाया जायेगा। 19:11 केवल प्रोम्प्ट मुद्रित होगा। 19:14 यदि उनके कंटेंट्स में भिन्नता है तो टर्मिनल पर पहले बेमेल का स्थान मुद्रित होगा। 19:25 देखते हैं, cmp कैसे कार्य करता है। हमारे पास हमारी होम डाइरेक्टरी में sample1 और sample2 नामक दो फाइल्स हैं। 19:35 देखते हैं, उनमें क्या है? 19:38 cat sampe1 टाइप करें और एंटर दबायें। इसमें “This is a Linux file to test the cmp command” टेक्स्ट है। 19:50 अन्य फाइल sample2 में टेक्स्ट होगा और इसको देखने के लिए हम cat sample2 टाइप करेंगे और एंटर दबायेंगे। 20:00 इसमें “This is a Unix file to test the cmp command.” टेक्स्ट होगा। 20:06 अब हम cmp कमांड को इन दो फाइल्स पर लागू करेंगे। 20:11 हम cmp sample1 sample2 लिखेंगे और एंटर दबायेंगे। 20:23 जैसा कि हम देख सकते हैं कि sample1 और sample2 दो फाइल्स में पहला अंतर बताया गया है। 20:32 अगली कमांड पर जाने से पहले स्क्रीन को साफ कर दें। 20:38 अगली कमांड, जो हम देखेंगे वह है wc कमांड। 20:43 इस कमांड का उपयोग फाइल में लाइन्स ,शब्द और अक्षरों की संख्या की गणना के लिए किया जाता है। 20:50 हमारे पास हमारी होम डाइरेक्टरी में sample3 नामक फाइल है। 20:56 इसके कंटेंट को देखने के लिए, हम cat sample3 टाइप करेंगे और एंटर दबायेंगे। 21:05 sample3 का कंटेंट यह है। 21:10 अब इस फाइल पर wc कमांड का उपयोग करते हैं । 21:14 इसके लिए हम wc sample3 लिखेंगे और एन्टर दबायेंगे। 21:25 कमांड दर्शाती है कि उस फाइल में 6 लाइन्स, 67 शब्द, और 385 अक्षर हैं। 21:38 ये कुछ कमांड्स थी जिन्होंने हमें फाइल्स के साथ कार्य करने में मदद की। 21:43 यहाँ कई सारी कमांड्स हैं। इसके अलावा प्रत्येक कमांड जो हमने देखी, उसमें कई अन्य ऑप्शन्स हैं। 21:51 मैं आपको man कमांड का उपयोग करके, उनके बारे में अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।

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